‘एक्टू’ ने प्रवासी मजदूरों की तबाही के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया

— ‘एक्टू’ के विरोध का दूसरा दिन

गिरिडीह : ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एक्टू) की ओर से मोदी सरकार के खिलाफ आयोजित दो दिवसीय विरोध दिवस के दूसरे दिन आज पपरवाटांड़ स्थित यूनियन कार्यालय में प्रतिवाद करते हुए कहा गया कि प्रवासी मजदूरों की देशव्यापी तबाही और उनकी हो रही मौतों के लिए सीधे तौर पर मोदी सरकार जिम्मेदार है।

तख्तियां लेकर प्रतिवाद करते हुए एक्टू के राष्ट्रीय पार्षद राजेश कुमार यादव तथा राजेश सिन्हा, कन्हैया सिंह आदि ने कहा कि लॉकडाउन से सबसे बड़ी तबाही प्रवासी मजदूरों को झेलनी पड़ी है, और आज देशभर में घर वापसी कर रहे लाखों प्रवासी मजदूरों की समस्या सबसे बड़ी है। इसके बावजूद कल प्रधानमंत्री के संबोधन में इन लाखों-करोड़ों प्रवासी मजदूरों के लिए संवेदना के दो शब्द भी नहीं थे। कहा कि लॉकडाउन के समय मौके का फायदा उठाकर मजदूरों के लिए काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 करने का अमानवीय फैसला भी कुछ राज्यों की सरकारों ने ले लिया है। इसका हर हाल में विरोध किया जाएगा। मजदूरों को फिर से ‘दासता युग में लौटाने की भाजपा शासन की साजिश नहीं चलेगी।

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