क्या कोरोना काल में हेल्थ बीमा जरुरी है? इन बातों का रखें ध्यान!

इंडियन माइंड डेस्क : भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। ऐसे में आप हेल्‍थ इंश्‍योरेंस कराना चाह रहे हैं तो सावधान। पहले प्लान के फीचर जरूर देख लें। कभी भी हेल्थ प्लान की तुलना सिर्फ प्रीमियम दर के आधार पर करना ठीक नहीं होता क्योंकि प्लान के फीचर देखने भी जरूरी हैं। अक्सर यह देखा गया है कि सबसे सस्ता प्लान सीमित सुरक्षा प्रदान करता है। प्रत्येक हेल्थ प्लान में शामिल न होने वाली चीजों की अपनी लिस्ट होती है, जो पॉलिसी दस्तावेज में दर्ज होती है। इसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए अब आपको यह तुरंत जानना चाहिए कि आपके हेल्थ प्लान में कौन से खर्च शामिल नहीं है ताकि क्लेम खारिज होने पर आपको ऐसा न लगे कि आपके साथ धोखा हुआ है।

वर्तमान माहौल में अगर आप कोरोना संकट से निपटने के लिए पॉलिसी ले रहे हैं तो ज्‍यादा अलर्ट रहना होगा। पॉलिसी लेने से पहले ये जान लीजिए कि क्‍या कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज कवर होता है या नहीं।

बीते दिनों इंश्योरेंस रेगुलेटर ऐंड डेवेलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी IRDA ने बीमा कंपनियों से ऐसी पॉलिसी डिजाइन तैयार करने को कहा था, जिनमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी कवर हो। यही वजह है कि अधिकतर कंपनियों ने कोरोना स्‍पेशल बीमा पॉलिसी भी शुरू की है। कहने का मतलब ये है कि अगर बीमा पॉलिसी में कोरोना के इलाज का खर्च कवर नहीं होता है तो ये आपके काम का नहीं है।

एक आम गलतफहमी है कि अगर हमें कोई बीमारी है, तो हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते वक्त इसकी जानकारी देना नहीं चाहते। लोग ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें अपना पॉलिसी आवेदन खारिज होने या प्रीमियम राशि बढ़ जाने का डर होता है। लेकिन यहां यह जानना जरूरी है कि जब आप कोई क्लेम करने जाएंगे और बीमा कंपनी को यह पता चलता है कि आपने कोई जानकारी छिपाई है, तो आपका क्लेम खारिज भी हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आपको अपने स्वास्थ्य से जुड़े सभी जरूरी तथ्य बताने चाहिए क्योंकि भले ही इससे प्रीमियम की राशि बढ़ जाएगी लेकिन कम से कम आपका क्लेम तो खारिज नहीं होगा।

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