क्या है सीआरपीसी 1973 की धारा-144 और कर्फ्यू

अधिवक्ता- आनंद गोपाल

अक्सर हम सभी सुनते या पढ़ते हैं कि पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा-144 लगा दी है. कहीं भी किसी भी शहर में हालात बिगड़ने की संभावना या किसी घटना के बाद धारा-144 लगा दी जाती है. धारा 144 के बाद कर्फ्यू भी लगाया जाता है.  आइये जानते हैं गिरिडीह में अधिवक्ता आनंद गोपाल से की धारा-144 और कर्फ्यू क्या है.

 

धारा-144 है क्या और इसका पालन न करने पर क्या सजा हो सकती है।

धारा 144 निषेधाज्ञा है। प्रशासन को या प्रशासनिक अधिकारी जिनके पास कार्यपालिका के अधिकार है ( यहाँ ये बताना जरुरी है की मजिस्ट्रेट दो प्रकार के होते है कार्यपालक मजिस्ट्रेट (executive magistrate) और न्यायिक मजिस्ट्रेट (judical magistrate) ) को ये जिम्मेदारी दी गई है की वो आवश्यकता के अनुसार निषेधाज्ञा जारी कर सकता है।

धारा 144 शांति व्यवस्था कायम करने के लिए लगाई जाती है। इस धारा को लागू करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट यानी जिलाधिकारी एक नोटिफिकेशन जारी करता है। और जिस जगह भी यह धारा लगाई जाती है, वहां चार या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते हैं। इस धारा को लागू किए जाने के बाद उस स्थान पर हथियारों के लाने ले जाने पर भी रोक लगा दी जाती है।

धारा 144 का उदघोष करने के लिए कौन कौन प्राधिकृत है

DM यानि डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट जिसे जिला दण्डा अधिकारी या जिलाधीश भी कहते है , जिला में एक ही डीएम होता है
Sub Divisonal Magistrate यानि उप प्रभागीय मजिस्ट्रेट
या ऐसा कोई अन्य कार्यपालिका अधिकारी जिन्हे प्राधिकृत किया गया हो जैसे नायब तहसीलदार या तहसीलदार

144 को निषिद्ध किया जाता है किसी स्थिति को पैदा होने से पहले रोकने के लिए। जिसमे दंगा या बलवा होने की सम्भावना हो या लोक शांति प्रभावित होती हो या लोक बाधा उत्त्पन होने की संभावना हो।

धारा 144 एक पक्षीय हो सकता है ये दो माह के लिए ही हो सकती है राज्य सरकार केवल खास हालातों में इसे जारी करने की तारीख से छह माह तक ही बड़ा सकती है. धारा 144 में गोली नहीं चलाई जा सकती।

कब तक लग सकती है धारा-144
धारा-144 को 2 महीने से ज्यादा समय तक नहीं लगाया जा सकता है। अगर राज्य सरकार को लगता है कि इंसानी जीवन को खतरा टालने या फिर किसी दंगे को टालने के लिए इसकी जरूरत है तो इसकी अवधि को बढ़ाया जा सकता है। लेकिन इस स्थिति में भी धारा-144 लगने की शुरुआती तारीख से छह महीने से ज्यादा समय तक इसे नहीं लगाया जा सकता है।

क्या है सजा का प्रावधान धारा- 144
धारा-144 का उल्लंघन करने वाले या इस धारा का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है. उस व्यक्ति की गिरफ्तारी धारा-107 या फिर धारा-151 के तहत की जा सकती है. इस धारा का उल्लंघन करने वाले या पालन नहीं करने के आरोपी को एक साल कैद की सजा भी हो सकती है. वैसे यह एक जमानती अपराध है, इसमें जमानत हो जाती है.

धारा-144 और कर्फ्यू के बीच फर्क
ध्यान रहे कि सेक्शन 144 और कर्फ्यू एक चीज नहीं है। कर्फ्यू बहुत ही खराब हालत में लगाया जाता है। उस स्थिति में लोगों को एक खास समय या अवधि तक अपने घरों के अंदर रहने का निर्देश दिया जाता है। मार्केट, स्कूल, कॉलेज आदि को बंद करने का आदेश दिया जाता है। सिर्फ आवश्यक सेवाओं को ही चालू रखने की अनुमति दी जाती है। इस दौरान ट्रैफिक पर भी पूरी तरह से पाबंदी रहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *