झारखण्ड सरकार ने उद्योग और कॉरपोरेट घरानों से की अपील,प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने में करे मदद
रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को ट्विटर के जरिए उद्योग और कॉरपोरेट घरानों से अपील की है कि वे झारखंड के प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने में मदद करें। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा कि हमने अपने प्रवासी कामगारों को लद्दाख और अंडमान जैसे दुर्गम दुर्गम स्थानों से वापस लाने के लिए ईमानदार प्रयास किए हैं। अभी भी कई दुर्गम स्थानों में सैंकड़ों प्रवासी फंसे हैं। सभी उद्योगों और कॉरपोरेट घरानों से मेरी विनम्र अपील है कि वे अपने श्रमिकों को निकालने में हमारा सहयोग करें। इसके अलावा एक अन्य ट्वीट के जरिए मुख्यमंत्री ने झारखंड के लोगों से अपील की है कि कोरोनावायरस से बचाव के लिए कोई भी घरों से बिना मास्क बाहर नहीं निकलें। सोशल डिस्टन्सिंग के नियमों का पूरा पालन करें। साथ ही घर के बुजुर्गों का खास ख्याल रखें। अपने हाथों को पानी एवं साबुन से 20 सेकंड तक धोएं। लॉकडाउन में ढील है पर इन एहतियातों में छूट नहीं है। इन नियमों का कड़ाई से पालन करें। बता दें कि झारखंड सरकार केंद्र सरकार के सहयोग से ट्रेन और बसों के जरिए दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को झारखंड ला रही है। ट्रेन और बस के माध्यम से अभी तक कुल 3 लाख 58 हजार 263 लोगों को झारखंड लाया जा चुका है। इनमें 193 ट्रेन से 2 लाख 57 हजार 411 प्रवासी मजदूर और बसों से 1.08 लाख मजदूरों को लाया गया है। बता दें कि झारखंड सरकार के प्रयास से शुक्रवार के लेह से 60 और शनिवार को अंडमान द्वीप समूह से 180 प्रवासी मजदूरों को फ्लाइट के जरिए वापस लाया गया है। झारखंड के कोरोना संबंधित मामलों के मुख्य नोडल पदाधिकारी अमरेंद्र प्रताप सिंह और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल के मुताबिक, वंदे भारत मिशन के तहत अब तक 66 लोगों को विदेश से वापस लाया जा चुका है। सरकार की ओर से बांग्लादेश में काम करने वाली भेल कंपनी के 170 कर्मचारियों को वापस लाने के लिये एनओसी दे दी गई है। नेपाल में भी कुछ लोग फंसे हुए हैं। इसके अलावा देश के विभिन्न राज्य में जो लोग रह गए हैं। उन्हें फिर से सरकार ने रजिस्ट्रेशन के लिए कहा है। इसके बाद उन्हें लाने के उपाए किए जाएंगे।