लॉकडाउन में जानें क्या होती है आईपीसी की धारा 188
भारत में तेजी से पांव पसारते कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया है। इसके साथ ही पूरे देश में धारा 188 भी लागू हो गई है। क्या है धारा 188? क्या हैं इसके प्रावधान? जानें.
क्यूं लगाया जाता है धारा 188
इस धारा के अंतर्गत लोक सेवक द्वारा प्रख्यापित किसी आदेश की अवज्ञा करने वाले व्यक्ति को दण्डित करने का प्रावधान किया गया है।जब प्रशासन की ओर से लागू किसी ऐसे नियम जिसमें जनता का हित छुपा होता है, कोई इसकी अवमानना करता है तो प्रशासन उस पर धारा 188 के तहत कार्रवाई कर सकता है।
छह महीने तक की जेल हो सकती है..
इस धारा के तहत दोषी पाए गए व्यक्ति को छह महीने तक की जेल की सजा दिए जाने का प्रावधान है। वैसे इस सेक्शन के तहत एक माह के साधारण कारावास या जुर्माना या जुर्माने के साथ कारावास की सजा दोनों हो सकते हैं, यह जुर्माना 200 रुपये से 1000 रुपए तक हो सकता है। 6 महीने की सजा तब बनती है, जब अवज्ञा मानव जीवन, स्वास्थ्य , सुरक्षा के लिए खतरे का या दंगे का कारण बनती है।
तस्वीर गूगल से साभार.