शहरों में वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए ‘नगर वन’ की शुरुवात

नई दिल्ली : शहरों में वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए शुक्रवार को ‘नगरवन’ नाम से एक योजना की शुरुआत की है जिसके तहत 200 शहरों को शामिल किया जायेगा।विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आयोजित एक वेबिनार में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने महाराष्ट्र के पुणे नगर निगम द्वारा विकसित वार्जे स्मृति वन का लोकार्पण कर ‘नगरवन’ योजना की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि नगर निगम वाले 200 शहरों में इस योजना का विस्तार किया जायेगा। इसमें केंद्र सरकार की तरफ से कैम्पा फंड से आर्थिक मदद प्रदान की जायेगी।पुणे के उपनगरीय वार्जे क्षेत्र में पिछले पाँच साल के दौरान नौ हजार एकड़ क्षेत्र में यह स्मृति वन विकसित किया गया है। इसे सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत विकसित किया गया है। महाराष्ट्र के वन मंत्री संजय राठौड़ ने वार्जे स्मृति वन से योजना की शुरुआत करने के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद किया।श्री जावड़ेकर ने अपने संबोधन में कहा “हमारे यहाँ गाँवों में काफी जंगल हैं, लेकिन शहरों में काफी कम जंगल हैं। शहरों में उद्यान हैं, लेकिन वन नहीं हैं। कुछ शहरों में जंगल हैं पर अधिक जंगल की जरूरत है। शहरों में वन क्षेत्र और बंजर बन चुकी भूमि के आँकड़े एकत्र किये जायेंगे और सार्वजनिक निजी भागीदारी से नगरवन योजना को जनांदोलन बनाया जायेगा।”
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने ढाई से तीन अरब टन ‘कार्बन सिंक’ बनाने का फैसला किया है और नगरवन योजना इसमें कारगर होगी। जहाँ अच्छा वन बनेगा उनको पुरस्कार देने पर भी विचार करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने मात्र 2.5 प्रतिशत भूमि और चार प्रतिशत प्राकृतिक जन संसाधन के साथ 16 प्रतिशत जनसंख्या तथा 16 प्रतिशत पशुधन के दबाव के बावजूद दुनिया की आठ फीसदी जैव विविधता का संवर्द्धन कर साबित कर दिया है कि हम कम संसाधन में भी प्रकृति की रक्षा कर सकते हैं। यह भारतीय संस्कृति की प्रकृति है जिसमें हम पशु, पक्षी और पेड़ों की भी पूजा करते हैं और उनका संरक्षण करते हैं। हर गाँव में एक वन ऐसा होता है जिसमें कटाई-चराई नहीं होती।

 

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