रांची विश्वविद्यालय के सेल्फ फाइनेंस बीएड शिक्षकों ने कुलपति से लगाई गुहार

वेतन वृद्धि व सेवा नियमित करने की मांग

रांची : रांची विश्वविद्यालय के तीन अंगीभूत कालेजों में बीएड के कोर्स संचालित है जिसमें कुल 48 शिक्षक कार्यरत हैं। बीएड कोर्स में एनसीटीई के नियम के अनुसार प्रत्येक महाविद्यालय में 16 पूर्णकालिक व नियमित शिक्षक होने चाहिए। एनसीटीई के इसी नियम के तहत रांची विश्वविद्यालय के अंगीभूत महाविद्यालय में संचालित बीएड कोर्स में कार्यरत शिक्षक सेवा नियमित एवं पूर्णकालिक करने की मांग पिछले 3 वर्षों से लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन से कर रहे हैं। लेकिन बी एड कोर्स के शिक्षकों का कहना है कि पिछले तीन वर्षों से बार-बार विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा केवल आश्वासन दिया जाता रहा है कि अन्य विश्वविद्यालय की तरह यहां भी सेवा पूर्णकालिक कर दिया जाएगा एवं मानदेय में भी वृद्धि का आश्वासन 2017 से लगातार दिया जा रहा है लेकिन अभी तक किसी प्रकार का वेतन वृद्धि या सेवा नियमितीकरण के दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया।
बी.एड में कार्यरत शिक्षकों का यह भी कहना है कि बी.एड कोर्स में प्रतिवर्ष लगभग 65 लाख रुपए की बचत होती है और अभी तक लगभग 3 करोड रुपए की राशि प्रत्येक बीएड कॉलेज में सरप्लस बची हुई है। इसके बावजूद मानदेय में वृद्धि नहीं किया जा रहा है। जबकि राज्य के दूसरे विश्वविद्यालयों में रांची से कम शुल्क होने एवं कम बचत होने के बावजूद पिछले तीन वर्षो में दो बार वेतन वृद्धि हो चुकी है।
बीएड कोर्स के शिक्षकों ने अपने समस्याओं से संबंधित आवेदन कुलपति, प्रति कुलपति, कुलसचिव, छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष एवं निदेशक सीवीसी को भी दिया।

बीएड कोर्स के शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल में डाॅ. रत्नेश कुमार मिश्रा, डॉ सचिन कुमार, सुजाता मजूमदार, डॉ. दीपक प्रसाद, प्रो. सरिता सिंह और डॉ. विप्लबी कुमारी शामिल थे।

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