राज्य सरकार सदैव मजदूरों के साथ खड़ी है : हेमंत

रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने दक्षिणी एवं उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के सांसदों एवं विधायकों के साथ कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण से निपटने हेतु किए जा रहे राहत कार्यों एवं आगे की तैयारियों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विचार-विमर्श किया।

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण की इस घड़ी में राज्य की जनता का विश्वास सरकारी व्यवस्था पर है। सरकारी व्यवस्था के कंधों पर आकर एक बड़ी जिम्मेदारी खड़ी हुई है। संक्रमण की इस चुनौती से लड़ने के लिए सभी की सहभागिता महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के इस संक्रमण से लड़ने में राज्य के सरकारी अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर्स, नर्स, टेक्नीशियन, स्वास्थ्यकर्मी, जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन के लोगों ने जो तत्परता दिखायी है वे प्रशंसा के पात्र हैं। मैं इन कोरोना वारियर्स को नमन करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के निरंतर प्रयास से दूसरे राज्यों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं प्रवासी मजदूरों का बड़ी संख्या में घर वापस लौटना प्रारंभ हो गया है। वैसे मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य गये थे और लॉकडाउन की वजह से फंस गए हैं और वापस घर आना चाहते हैं उन सभी मजदूरों को घर वापस लाना सरकार का दायित्व है। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग सहित सभी नियमों का अनुपालन करते हुए मजदूरों को लाना प्रारंभ किया गया है। वापस लौटे छात्रों एवं मजदूरों का दो स्टेज पर जांच प्रक्रिया सुनिश्चित की गई है। पहला स्टेशनों पर एवं दूसरा अपने जिले पहुंचने पर जिला प्रशासन द्वारा जांच की जा रही है। वापस लौट रहे मजदूरों एवं उनके परिवार में भोजन की समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 15 से 20 दिनों का राशन का एक पैकेट भी वापस लौटे मजदूरों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज झारखंड मंत्रालय से दक्षिणी एवं उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के सांसदों एवं विधायकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में कहीं।

सामाजिक पुलिसिंग को ग्रामीण क्षेत्रों में भी सक्रिय करने की आवश्यकता : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सामाजिक पुलिसिंग (मानकी, मुंडा, परगनेत, ग्राम प्रधान इत्यादि) व्यवस्था को भी ग्रामीण क्षेत्रों में जल्द से जल्द सक्रिय करने की आवश्यकता है। सामाजिक पुलिसिंग की व्यवस्था स्थापित होने से दूसरे राज्यों से वापस लौट रहे मजदूरों पर नजर रखते हुए उनके व्यवस्था के लिए समन्वय बनाने में सुगमता होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी लोगों को पुलिस अथवा स्वास्थ्य कर्मी की व्यवस्था देना संभव नहीं है अतएव सामाजिक पुलिसिंग के माध्यम से व्यवस्था सुनिश्चित किया जा सकेगा।

जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं एवं प्रवासी मजदूरों के वापस आते ही जांच प्रक्रिया में तेजी लाने का निरंतर प्रयास राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। कई नए जांच सैंटरों को भी अब कोविड-19 की जांच के लिए निर्देशित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार से भी उन्नत तकनीक की जांच मशीनें उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा आग्रह किया गया है।

छूटे हुए मजदूर धैर्य रखें, सभी को वापस लाना सरकार का दायित्व : मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों का वापस आना प्रारंभ हो गया है। विभिन्न प्रदेशों में राज्य के लाखों मजदूर लॉकडाउन की वजह से फंसे हैं। यह सत्य है कि सभी मजदूर घर वापसी को लेकर आतुर हैं पर एक बार में सभी मजदूरों को वापस लाना संभव नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो मजदूर वापस आना चाहते हैं उन्हें हर हाल में वापस लाया जाएगा, यह सरकार का दायित्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रेन, बस के अलावा जरूरत पड़े तो हवाई जहाज का भी उपयोग मजदूरों को लाने में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि छूटे हुए मजदूर धैर्य रखें बारी-बारी से उन्हें लाने का निरंतर प्रयास राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कर रही है। उन्होंने कहा कि वैसे मजदूर जिनको वापस झारखंड आना है और वह मुख्यमंत्री विशेष सहायता मोबाइल ऐप के माध्यम से रजिस्टर नहीं हो पाए हैं वे अपना रजिस्ट्रेशन अवश्य करा लें। रजिस्ट्रेशन का कार्य निरंतर प्रगति पर है। राज्य सरकार जल्द ही एक नया ऐप शीघ्र बनाएगी जिस पर विभिन्न प्रदेशों में ग्रामीण क्षेत्रों में फंसे मजदूर ट्रैक किए जा सकेंगे।

नियमों का उल्लंघन न हो और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन हो इस पर पूरा ध्यान : मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं एवं प्रवासी मजदूरों को लाने के क्रम में किसी भी नियम का उल्लंघन न हो और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन हो इस पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। यही कारण है कि ट्रेन में जितनी क्षमता है उससे बहुत कम लोगों को लाया जा रहा है ताकि सोशल डिस्टेंस का पूर्ण रुप से पालन हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि भेल्लोर एवं चेन्नई में इलाजरत लोगों को भी वापस लाया जा सके इस निमित्त राज्य सरकार द्वारा पूरी सूची बना ली गई है ताकि उन तक हम पहुंच सके और उन्हें सकुशल घर वापस ला सकें।

निजी वाहनों को लेकर गाइडलाइन के आधार पर जिला कार्यालयों से ले सकते हैं परमिशन : मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन ने कहा कि वैसे लोग जो अपने निजी वाहनों से प्रवासी छात्रों एवं मजदूरों को लाने की इच्छा रखते हैं वे अपने-अपने जिलों के उपायुक्त एवं एसडीओ से समन्वय स्थापित कर परमिशन लेकर दूसरे प्रदेशों में जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि परमिशन की व्यवस्था को राज्य सरकार जल्द ही और सरल और सुगम बनाएगी। निजी वाहनों के परमिशन को लेकर कोई समस्या न हो इसके लिए हेल्पलाइन एवं ऑनलाइन परमिशन की प्रक्रिया का का उपयोग किया जा सकता है।

नोडल पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर पूरी जानकारी लें : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सभी माननीय सांसदों एवं विधायकों से आग्रह किया कि प्रवासी मजदूरों के ट्रैकिंग एवं परिवहन सुविधा से संबंधित जानकारी के लिए नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करें। उन्होंने कहा कि मजदूरों को वापस लाने के लिए देश के विभिन्न राज्यों में 700 वालंटियर कार्यरत हैं।

सरकार मजदूरों के साथ खड़ी है : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के पास सभी प्रवासी मजदूरों का जियो टैगिंग आधारित डाटा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार हर समय प्रतिबद्धता के साथ प्रवासी मजदूरों के लिए खड़ी है। राज्य सरकार हर हाल में सभी मजदूरों को वापस लाएगी।

गैर कार्डधारियों को नजदीकी पीडीएस डीलर द्वारा अनाज दिए जाने का निर्देश दिया जा चुका है : मुख्यमंत्री ने कहा कि गैर कार्डधारी व्यक्ति अथवा परिवारों को अब राशन के लिए दूसरे जगह जाने की आवश्यकता नहीं है उन्हें नजदीकी पीडीएस डीलरों के माध्यम से ही अनाज उपलब्ध कराए जाने का निर्देश दिया जा चुका है। नजदीकी पीडीएस दुकानदार गैर कार्ड कार्डधारी व्यक्ति अथवा परिवार का व्यक्तिगत पहचान करते हुए उन्हें राशन उपलब्ध कराएंगे। मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों से आग्रह किया कि अगर ऐसी कोई सूची गैर कार्ड धारी परिवार अथवा व्यक्ति की है तो आप व्यक्तिगत तौर पर संबंधित पीडीएस डीलर को भी उपलब्ध कराएं।

ओलावृष्टि से हुए क्षति का आकलन कृषि विभाग द्वारा किया जा रहा है : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य के किसानों को ओलावृष्टि के कारण फसल की क्षति हुई है। ओलावृष्टि के कारण हुए क्षति का सर्वे करने के लिए कृषि विभाग को निर्देश दिया जा चुका था, कृषि विभाग द्वारा सर्वे कर क्षति का आकलन कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है। जल्द ही किसानों को आपदा मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों का सर्वांगीण विकास सरकार की प्राथमिकता है इसमें कहीं कोई कमी नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बात सत्य है कि वर्तमान में किसानों के द्वारा उगाए गए सब्जियों का उठाव नहीं हो पा रहा है जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान भी हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही सारी चीजें पटरी पर आएंगी और सब्जी का उठाव कार्य भी प्रारंभ होगा। राज्य सरकार द्वारा इस पर निरंतर नजर रखा जा रहा है।

धान क्रय का भी भुगतान जल्द हो इस पर सरकार ले रही है संज्ञान : मुख्यमंत्री ने कहा कि धान क्रय संबंधी भुगतान को लेकर कुछ शिकायतें आ रही हैं राज्य सरकार जल्द ही संज्ञान लेते हुए धान क्रय के भुगतान सुनिश्चित कराने पर जोर देगी। किसानों को ससमय बीज खाद्य की उपलब्धता हो इस पर सरकार गंभीर है। ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में भी खाद बीज की सभी दुकानें जल्द खुले इस पर भी विचार किया जा रहा है।

सिविल सर्जनों को दिया जाएगा आदेश, अस्पतालों में रहे दवाइयों का स्टॉक : मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ शिकायतें आ रही है कि जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तरीय सरकारी अस्पतालों में दवा की कमी है। दवा की कमी होने के कारण अन्य बीमारियों का भी उपचार सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी सिविल सर्जनों को राज्य सरकार निर्देश देगी कि अस्पतालों में दवाइयों का स्टॉक पूरा रहे और इलाज में कहीं कोई कमी न रहे।

राज्य सरकार की चुनौती अब और बढ़ा है : मुख्यमंत्री  हेमंत सोरेन ने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर झारखंड लौटेंगे। ऐसे में वापस लौट रहे मजदूरों का स्वास्थ्य जांच एवं क्वॉरेंटाइन इत्यादि को लेकर चुनौतियां बढ़ेंगी। परंतु सरकार प्रयासरत है कि हर मोर्चे पर विशेष तैयारी के साथ चुनौतियों से पार पाना है। हम सभी जब मिलकर कोरोनावायरस संक्रमण से लड़ेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी।

इन्होंने दिया अपना सुझाव: रांची के सांसद संजय सेठ ने मुख्यमंत्री के समक्ष सुझाव दिया कि कोरोना संक्रमण के कार्य से जुड़े डॉक्टर्स एवं सभी स्वास्थ्य कर्मियों के बीमा कराने संबंधी सुझाव मुख्यमंत्री के समक्ष रखे।

गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह सुझाव रखा कि जो लोग अपने निजी वाहनों से छात्र-छात्राओं एवं मजदूरों को वापस लाने जाना चाहते हैं उन्हें परमिशन मिलने में कोई असुविधा न हो यह सुनिश्चित किया जाए एवं प्रवासी मजदूरों का डाटा सार्वजनिक किया जाए।

मांडर विधायक बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह बताया कि किसानों द्वारा उत्पादित सब्जियों का उठाव नहीं हो पा रहा है। ओलावृष्टि के कारण किसानों के फसल का भी नुकसान हुआ है।

हटिया विधायक नवीन जयसवाल ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह सुझाव रखा कि कोविड-19 हॉटस्पॉट एरिया हिंदपीढ़ी में 80 हजार लोग रहते हैं। परंतु हिंदपीढी हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित होने के कारण वहां रहने वाले अन्य मरीज जो कई अन्य रोगों से ग्रसित है उनका भी इलाज प्राइवेट अस्पतालों में नहीं किया जा रहा है। अतः हिंदपीढी के लोगों के लिए एक या दो नजदीकी अस्पतालों को चिन्हित कर इलाज करने का निर्देश दिया जाए।

बड़कागांव विधायक सुश्री अंबा प्रसाद ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह सुझाव रखा कि प्रवासी मजदूरों के लिए कोई भी हेल्पलाइन नंबर अथवा गाइडलाइन जो सक्रिय है उसे माननीय सभी विधायकों को उपलब्ध कराया जाए जिससे विधायकों को प्रवासी मजदूरों के परिवार अथवा संबंधियों को उपलब्ध कराने में सुविधा हो सके।

इस अवसर पर मंत्री जगन्नाथ महतो, सत्यानंद भोक्ता, सांसद पी एन सिंह श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, विधायक सुदेश महतो, बंधु तिर्की, नवीन जयसवाल, विकास कुमार मुंडा,  समरीलाल, राजेंद्र कच्छप, मनीष जायसवाल, उमाशंकर अकेला, अमित कुमार यादव, जयप्रकाश भाई पटेल, राज सिन्हा, मथुरा प्रसाद महतो, श्रीमती पूर्णिमा नीरज सिंह, श्रीमती अर्पणासेन गुप्ता, इंद्रजीत महतो, अमर कुमार बाउरी, लम्बोदर महतो, विरंची नारायण, सरफराज अहमद, सुदिव्य कुमार, श्रीमती ममता देवी, श्रीमती नीरा यादव, भूषण तिर्की, विक्सल कोंगाड़ी, भूषण बारा, नीलकंठ सिंह मुंडा, कोचे मुंडा ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपने सुझाव रखे और अपने विचारों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपालजी तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद, मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव सुनील श्रीवास्तव उपस्थित थे।

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