विकासशील से विकसित भारत बनाने के लिए सक्षम, सुदृढ़ और संगठित मानव संसाधन आवश्यक : डॉ चौधरी

मुख्य वक्ता डॉ अमर कुमार चौधरी

रांची : विकासशील से विकसित भारत बनाने के लिए सक्षम, सुदृढ़ और संगठित मानव संसाधन किसी भी देश के लिए आवश्यक है। इस संबंध में हम जापान का उदाहरण लेते हैं जब द्वितीय विश्वयुद्ध के समय उसे पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया था, इसके बावजूद जापान आज अपने मानव संसाधन की बदौलत ना केवल अपने आप को अपने पैरों पर खड़ा किया, बल्कि विश्व की महाशक्ति बनकर भी उभरा। आज वह पूरे विश्व को एक नया संदेश और एक नई दिशा दिखा रहा है यह सब केवल उस देश के मानव संसाधन की देन है उस देश की मानव संसाधन में ही वह ताकत थी जो उसे पुनः विश्व की महाशक्ति बनने में सक्षम बनाया। स्पष्ट है कि मानव संसाधन ही एक ऐसा संसाधन है जो किसी भी संगठन चाहे वो पारिवारिक संगठन हो, व्यवसायिक संगठन हो या कोई भी राज्य या देश का संगठन उसे सर्वोच्च एवं सर्वांगीण विकास की उपलब्धि मानव संसाधन के द्वारा ही संभव है। वर्तमान आधुनिक सूचना एवं संप्रेषण तकनीक पर आधारित दुनिया में मानव संसाधनों की उपयोगिता और अधिक बढ़ जाती है इसलिए अगर हमें विश्व के मानस पटल पर अपनी मौलिक पहचान बनाने हेतु अपने मानव संसाधन को उच्च गुणवत्ता युक्त प्रशिक्षण, कार्य में का भाव, कार्य में निरंतरता, कार्य के प्रति निष्ठा एवं आधुनिक तकनीक आधारित प्रशिक्षण समय समय पर उपलब्ध कराना होगा, उन्हें सक्षम बनाते रहना होगा तभी मानव संसाधन की उपलब्धियां देश को विकसित बनाने में अहम भूमिका अदा करेगी। उक्त बातें आज डिग्री कॉलेज मनिका लातेहार के वाणिज्य विभाग द्वारा किसी भी संगठन की सफलता में मानव संसाधन की भूमिका विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार को संबोधित करते हुए रांची विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.अमर कुमार चौधरी ने मुख्य वक्ता के रूप में कहीं।

डिग्री महाविद्यालय, मनिका द्वारा आज किसी संस्थान की सफलता में मानव संसाधन की भूमिका विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। इस वेबीनार में झारखंड प्रदेश के लगभग सभी जिलों सहित उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली एवं बिहार से सैकड़ों की संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस एक दिवसीय ऑनलाइन राष्ट्रीय सेमिनार का विषय प्रवेश वेबीनार के निदेशक एवं डिग्री कॉलेज मनिका के वाणिज्य विभाग के सहायक प्रोफ़ेसर डॉ. धीरेंद्र कुमार वर्मा के द्वारा किया गया। डिग्री कॉलेज मनिका के प्रभारी प्राचार्य सह वेबीनार के संरक्षक डॉ.महेंद्र राम ने मानव संसाधन की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए डिग्री महाविद्यालय मनिका के वातावरण, चुनौतियां और उपलब्धियों की चर्चा विस्तार से की। तत्पश्चात नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय, पलामू के कुलपति सह वेबीनार के मुख्य संरक्षक ने मानव संसाधन की भूमिका को विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से समझाते हुए देश की समृद्धि और विकास के लिए आवश्यक बताया। वहीं विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो.जयंत शेखर ने अनेक उदाहरणों से संगठन की सफलता के लिए मानव संसाधन की महत्ता को स्पष्ट किया। उन्होंने टेलीकम्युनिकेशन में बीएसएनल एवं एवं अन्य प्राइवेट कंपनियों की भूमिका तथा एयर इंडिया एवं राम रावण के बीच हुए युद्ध में राम की संसाधन विहीन सेना की जीत मानव संसाधन की देन को उदाहरण के साथ बतलाया । नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी डॉ. नकुल प्रसाद वेबीनार को संबोधित करते हुए कहा कि विकास की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने वाला यह संसाधन सजीव है और सजीव होने के चलते यह अन्य संसाधनों की तुलना में इसकी अपनी अलग विशेषता है, यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष ने वेबीनार को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड 19 की चुनौतियों से लाभ उठाने का समय है और यह बेहतर मानव संसाधन के बदौलत ही संभव है। जे. एस. कॉलेज के विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि मानव संसाधन सबसे बेहतर संसाधन है जो किसी भी संगठन में आए चुनौतियों को अवसरों में बदल देता है। महिंद्रा टेक्नोलॉजी नोएडा के एचआर प्रबंधक शरद कुमार ने अपने व्यवहारिक अनुभव के आधार पर संस्था के मानवीय संसाधनों के अनुभवों को साझा किया। नीलांबर पीतांबर के पूर्व कुलसचिव डॉ बीके देवघरिया ने कहा कि विषय की महता को स्पष्ट करते हुए कहा कि मानव संसाधन का निरंतर विकास और प्रशिक्षण ही किसी भी संगठन की सफलता का निर्धारक है।
शिक्षा विभाग रांची विमेंस कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. सचिन कुमार ने कहा कि उत्तरआधुनिक काल के दौर में बाजार और अर्थव्यवस्था केंद्रित आवश्यकता उत्पन्न होने से मानव संसाधन भूमिका में व्यापक बदलाव और चुनौतियां उभर कर सामने आई है चुनौतियों का सामना करने के लिए सूचना एवं संप्रेषण संसाधनों के विकास के फलस्वरूप उत्पन्न आभासी यंत्रों वर्चुअल टूल की जानकारी एवं उसके उपयोग की आवश्यकता को 21वीं शताब्दी कि आधुनिक युग में मानव संसाधन की सफलता का मुख्य कारक बताते हुए कहा कि वर्तमान दौर में लगभग सभी संगठनों की सफलता वर्चुअल टूल के उपयोग में दक्ष मानव संसाधन पर निर्भर करेगा।

वेबीनार के समापन सत्र को संबोधित करते हुए वेबीनार के निदेशक डॉ. डीके वर्मा यह बताने का प्रयास किया कि छोटा संगठन भी अपने बेहतर मानवीय संसाधन एवं संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग से सफलता प्राप्त कर सकता है लेकिन कभी-कभी व्यवसायिक पर्यावरण एवं अवसर उपलब्ध ना होने की स्थिति में भी संगठन असफल हो जाते हैं। सरकार एवं संस्था के उच्च अधिकारियों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डिग्री महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ.राजेश प्रसाद के द्वारा किया गया उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि धन्यवाद ज्ञापन कोई अंत नहीं बल्कि एक नई शुरुआत है और उन्होंने यह भी कहा कि मानव संसाधन को सिर्फ उत्पादक के रूप में नहीं देखा जाए वह एक उपभोक्ता भी है और एक कुशल मानवीय संसाधन प्रबंधन उसके दोनों पक्षों पर ध्यान देने से उभर कर सामने आता है। कार्यक्रम का संचालन जेएस कॉलेज मेदिनीनगर एमबीए संकाय के प्रो. सुमित मिश्रा ने किया उन्होंने नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय में आयोजित हुए इस एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार की सफलता के लिए सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया और बताया की यह वेबीनार वाणिज्य विभाग का पहला संगोष्ठी है इस दृष्टि से भी एक ऐतिहासिक कार्यक्रम ना केवल मनिका डिग्री कॉलेज बल्कि विश्वविद्यालय के लिए भी है।

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