संपादक

सुनील मंथन शर्मा | सम्पादक- इंडियन माइंड डॉट इन (www.indianmind.in)

प्रिंट के साथ डिजिटल दुनिया में कदमताल

अप्रैल 1997 में पत्रकारिता में प्रवेश। जनसत्ता, आज, आवाज, बिहार आबजर्वर, अपनी रांची, वनांचल प्रहरी, चमकता आईना, दैनिक जागरण, प्रभात खबर, क्रॉस फायर का सफर तय करने के बाद ‘इंडियन माइंड’ हिंदी मासिक पत्रिका का प्रकाशन कर रहा हूं और डिजिटल की दुनिया में प्रवेश करते हुए वेबसाइट www.indianmind.in को 08 जून 2017 लॉन्च कर अपने शुभचिंतकों को समर्पित कर दिया हूं। इस वेबसाइट में स्पेशल न्यूज़ के साथ आपको विभिन्न जानकारियां उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही आप यू-ट्यूब चैनल www.youtube.com/indianminds में वीडियो न्यूज़ देख सकेंगे और फेसबुक www.facebook.com/IndianMindMagazine में लगातार अपडेट रहेंगे।

पत्रकारिता का सफर
वर्ष 1997 से लेकर 2000 तक जनसत्ता सबरंग, सरस सलिल, सरिता, हिंदुस्तान, प्रिया विनोदनी, आज (पटना-धनबाद), आवाज़ में स्वतंत्र लेखन। अब तक पांच सौ से अधिक फीचर्स, रिपोतार्ज, कहानियां, लघुकथाएं व कविताएं प्रकाशित। वर्ष 2000 से 2001 तक चमकता आईना, बिहार आब्जर्वर, वनांचल प्रहरी, अपनी रांची, आज में रिपोर्टिंग। 2001 से 2003 तक प्रभात खबर गिरिडीह में सांस्कृतिक रिपोर्टर। 2003 से 2006 तक दैनिक जागरण गिरिडीह में रिपोर्टर सह कंप्यूटर मैन।  2006 से 2008 तक दैनिक जागरण बेरमो-बोकारो में सब-एडिटर। 2008 से 2012 अगस्त तक प्रभात खबर धनबाद में सब-एडिटर (जेनरल डेस्क)। 2012 से अब तक ‘क्रॉस फायर’ मासिक पत्रिका में डिप्टी न्यूज़ एडिटर के बाद समन्वय सम्पादक के पद पर कार्यरत। नई मासिक पत्रिका इंडियन माइंड प्रकाशन कर रहा हूं, जिसके प्रकाशक और सम्पादक मैं ही हूं।  

प्रकाशन
“सड़ा हुआ चेहरा’ कहानी संग्रह प्रकाशित। बसंत शर्मा लिखित उपन्यास “मौत की मांद’, ‘वर्चस्व’, ‘नई डिग्रियां’ का संपादन और प्रकाशन। सुरेंद्र बर्मन- समाजसेवा का सफर बायोग्राफी का कॉन्सेप्ट और संपादन। कला संगम की पत्रिका ‘सर्जना’ का संपादन और प्रकाशन।
पुरस्कार
उत्कृष्ट फीचर लेखन के लिए वर्ष 2000 में झारखंड के शिक्षामंत्री श्री चंद्रमोहन प्रसाद एवं वर्ष 2001 में हिन्दुस्तान, रांची के संपादक श्री हरिनारायण सिंह एवं प्रभात खबर, धनबाद के संपादक श्री विष्णु रजगढ़िया के हाथों ‘जितेंद्र कुमार जैन मेमोरियल प्रेस एवार्ड’ से सम्मानित। ‘राज्य पुस्तक मेला सह सृजन उत्सव’ में उत्कृष्ट कविता लेखन के लिए पुरस्कृत। 1995 में नाटक ‘कहर शराब का’ एवं 1996 में ‘हम हैं मुखिया’ के लेखन, निर्देशन व अभिनय के लिए प्रथम पुरस्कार से पुरस्कृत। लायंस क्लब की ओर से वर्ष 2016 में युवा पत्रकारिता के लिए पुरस्कृत।