अटल इरादा अम्बर सा पर दिल उनका बिल्कुल बच्चा था
अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्यतिथि पर साहित्योदय की शब्दांजलि-अटल काव्य के साथ साहित्य संग्राम के 16 वां एपिसोड संपन्न
Indian Mind Desk : 16 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला संगम- साहित्योदय के अनूठे लाइव शो साहित्योदय साहित्य संग्राम के 16 वें एपिसोड में पूर्व प्रधानमंत्री और कविश्रेष्ठ अटल बिहारी बाजपेयी जी अटल काव्य में शब्दांजलि दी गयी। डेढ़ घण्टे के महाएपिसोड में देशभर के सुप्रसिद्ध रचनाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी और पूरा साहित्योदय राष्ट्रप्रेम से सरोबार हो गया। प्रख्यात ओज कवि बेबाक़ जौनपुरी ने अटल जी के सम्मुख किये काव्यपाठ का संस्मरण करते हुए उनकी श्रद्धा में कई मार्मिक गीत गाये। वहीं प्रसिद्ध कवि अजय अंजाम ने अटल जी के निधन पर स्वर्ग में उनके स्वागत दृश्य दर्शाया। चलाया। नैरोबी, केन्या युवा कवयित्री मनीषा कंठालिया, हैदराबाद से सुदेष्णा सामन्त और राँची की डॉ राजश्री जयंती ने अटल जी की कविता का सुमधुर पाठ किया। नोयडा की डॉ सुषमा तिवारी ने भी अपने शब्दों से अटल जी को शब्दांजलि सुमन अर्पित किया। इसके अलावे लुधियाना से अर्चना खापरान और बीकानेर से विजय विशु ने भी खूबसूरत प्रस्तुति दी। गिरिडीह के युवा कवि सुरेन्द्र उपाध्याय ने अटल जी के मौत को टालने के सुंदर संवाद प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शानदार सन्चालन करते हुए कवि पंकज प्रियम ने अटल जी पर बेहतरीन मुक्तक और कविताएं प्रस्तुत की। इससे पूर्व 15 अगस्त को जय हिंद और ऐ वतन तेरे लिए विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें देशविदेश के 50 से अधिक रचनाकार शामिल हुए।
साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष कवि पंकज प्रियम ने बताया कि साहित्य की सेवा में पिछले कई वर्षों से लगे साहित्योदय ने इस कोरोना काल को साहित्य सृजनकाल में बदल दिया है। लॉकडाउन पीरियड की निराशा और तनाव को दूर करने के लिए गक्त 22 मार्च से ही *कोरोना से जंग साहित्योदय के संग* अभियान चला रखा है जिसमे अबतक डेढ़ हजार से अधिक ऑनलाइन काव्य पाठ हो चुका है। एकल काव्य पाठ के भी ढाई सौ एपिसोड हो चुके हैं। विश्व के सबसे अनूठे लाइव शो साहित्य संग्राम को पूरी दुनिया का असीम प्यार और समर्थन मिल रहा है। इसमें हरबार एक ज्वलन्त सामाजिक विषयों पर चर्चा और कवि सम्मेलन किया जाता है। साहित्योदय पेज को 60 से अधिक देशों के लाखों दर्शक देख रहे हैं। साहित्योदय सावन महोत्सव समेत आगामी कई अन्य रोचक कार्यक्रम प्रारम्भ हो रहे हैं। साहित्य संग्राम को सफल बनाने में वरिष्ठ पत्रकार राकेश तिवारी, संजय करुणेश, जयप्रकाश राज, सुदेष्णा सामन्त , रजनी शर्मा चंदा, अनामिका अनु और किशोरी का महत्वपूर्ण योगदान है।