साहित्य संग्राम में कलमकारों को मिला साहित्योदय सम्मान

गिरिडीह : झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले से विश्वस्तर पर चलाये जा रहे अंतर्राष्ट्रीय साहित्य-कला संगम साहित्योदय ने अभी तक डेढ़ सौ से अधिक रचनाकार और कलाकारों को दिया साहित्योदय सम्मान। साहित्योदय साहित्य संग्राम के पंचम महाध्याय में विश्व योग, पिता और संगीत दिवस पर विशेष कार्यक्रम करते हुए देश-विदेश के कवि, लेखक, कलाकर और साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। डेढ़ घण्टे के महाएपिसोड में अंतरराष्ट्रीय विचार गोष्ठी सह कवि सम्मेलन में जहां कोरोना संकट से बचाव के उपाय पर विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी तो वहीं अवसाद और तनाव से निपटने के साधन बताए गए। लंदन से डॉ नेहा शर्मा ने विस्तार से समाधान बताया। उन्होंने कहा कि तनाव से बचने का एकमात्र साधन खुद को जिंदादिल बना देना है। अपनी हॉबी, अपने शौक को बढ़ाते हुए खुद को व्यस्त कर देना ही इसका उपचार है। तो वहीं रसिया की मेडिकल स्टूडेंट निशा शक्ति ने भी तनाव से बचने के लिए योग और साधना पर बल दिया। दिल्ली से योग प्रशिक्षक प्रियंका सिंह ने योग प्रदर्शन कर कुछ खास आसन दिखाया। इसके अलावा गुजरात से रेखा पाण्डेय, हैदराबाद से सुदेष्णा सामंत, राँची से मुनमुन ढाली, राजश्री राज, मृणालिनी अखौरी, अद्विका रंजन और जमशेदपुर से अनिता निधि ने अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति दी।ऑनलाइन सम्मान समारोह में मार्गदर्शक जयप्रकाश राज औऱ प्रबंध निदेशक संजय करुणेश भी उपस्थित हुए। उन्होंने कार्यक्रम की सफलता की कामना करते हुए सभी को बधाई दी। इससे पूर्व 11 बजे संगीत दिवस के अवसर पर साहित्योदय सरगम की संगीतमय कार्यक्रम में धनबाद के देबांजन चक्रवर्ती और उनकी बहन गार्गी चटर्जी की युगलबंदी हुई जिसमें अनिर्बान चक्रवर्ती, दिनेश कुमार और टुंपा चक्रवर्ती ने शानदार प्रस्तुति दी। साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष कवि पंकज प्रियम ने बताया कि साहित्योदय विगत कई वर्षों से साहित्य,कला और संस्कृति सम्वर्द्धन और विकास पर सतत प्रयत्नशील है। वैश्विक आपदा कोरोना के संकट काल मे जब लॉक डाउन हुआ तो सबसे पहले साहित्योदय ने साहित्य सृजन जनजागरण अभियान कोरोना से जंग साहित्योदय के संग शुरू कर दिया। इस अभियान के तहत विगत 22 मार्च से अबतक एक हजार से अधिक ऑनलाइन काव्यपाठ हो चुका है। जिसमें डॉ बुद्धिनाथ मिश्र, दिनेश रघुवंशी, बेबाक़ जौनपुरी, डॉ मानसी द्विवेदी, दमदार बनारसी, अजय अंजाम जैसे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के तमाम बड़े हस्ताक्षरों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है। वही डॉ नुसरत मेहदी जैसी बड़ी सख्शियतों की लंबी सूची तैयार है। साहित्योदय को न केवल लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकारों का स्नेह मिला वल्कि यह नवांकुर व गुमनाम साहित्य और कला प्रतिभाओं को विशाल फलक प्रदान कर रहा है। समसामयिक, ज्वलन्त व सामाजिक सरोकार के विषयों पर अनूठे ज्ञान व मनोरंजन से भरपूर कार्यक्रम साहित्योदय साहित्य संग्राम के पाँच महाएपिसोड पूर्ण हो गए हैं जिसमें माहवारी स्वच्छता, बाल, महिला-पुरुष यौन उत्पीड़न, अवसाद, तनाव और आत्महत्या जैसे विषयों पर आधारित चुप्पी तोड़ो अभियान जारी है। कार्यक्रम का निर्देशन देख रहे वरिष्ठ पत्रकार राकेश तिवारी ने बताया कि दुनियाभर के डेढ़ लाख से अधिक दर्शकों का असीम प्यार मिल रहा है। पिछले 6 माह में ही दर्जनों प्रतियोगिता और सम्मान समारोह आयोजित किया जा चुका है।

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