एआईटीसी के अधिवेशन में कला संगम के सचिव सतीश कुंदन सम्मानित
— चार महीने के भीतर सभी राज्यों की कमेटी गठन के साथ कई प्रस्ताव पारित
गिरिडीह : ऑल इंडिया थियेटर काउंसिल के महासचिव और कला संगम गिरिडीह के सचिव सतीश कुंदन को गुरु रविन्द्रनाथ टैगोर की कर्मभूमि शांति निकेतन में रंग सम्मान से सम्मानित किया गया। श्री कुंदन को यह सम्मान उनके बेहतरीन रंगमंच संचालन के लिए काउंसिल ने प्रदान किया। मौका था ऑल इंडिया थियेटर काउंसिल के चतुर्थ अधिवेशन का, जहां देशभर के 17 राज्यों के रंगकर्मी जमा हुए थे। कुंदन के साथ देश भर के अन्य कलाकारों को भी सम्मानित किया गया। 22 और 23 फरवरी को चले अधिवेशन की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मेहरा ने की, जबकि स्वागत भाषण बंगाल अध्यक्ष जॉय मुखर्जी ने दिया।
अधिवेशन से लौटने के बाद सोमवार को कुंदन ने प्रेस बयान जारी कर बताया कि अधिवेशन में कई प्रस्ताव पारित किए गए। राष्ट्रीय संयोजक अशोक मानव के नेतृत्व में दो महीने में भीतर दक्षिण भारत में भी एआईटीसी का गठन कर लिया जायेगा। चार माह के अंदर सभी राज्यों में स्टेट कमिटी का गठन कर लिया जाएगा। 25 फरवरी से सघन सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है, जो 3 अप्रैल तक चलेगा। स्क्रिप्ट लेखन प्रतियोगिता, ऑनलाइन समूह नृत्य प्रतियोगिता एवं एकल नाटक प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। साल भर एआईटीसी से संबद्ध संस्थाओं के कार्यक्रम का कैलेंडर जारी किया जायेगा। तीन माह में एआईटीसी का ई-बुलेटिन निकाला जायेगा। कला संस्कृति विभाग में एआईटीसी के पदाधिकारियों को स्थापित करने के लिए सभी राज्यों के कला संस्कृति विभाग के सचिव को एआईटीसी के पदाधिकारियों की राज्य अध्यक्ष एवं महासचिव का नामों को भेजा जायेगा।
भारतीय कला संस्कृति जब बचेगा, तभी राष्ट्र बचेगा : सतीश
महासचिव श्री कुंदन ने कहा कि आज कलाकारों को रंगमंच की समृद्धि के लिए स्वयं खड़ा होने की जरूरत है। भारतीय कला संस्कृति जब बचेगा, तभी राष्ट्र बचेगा। सरकार के भावी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए अलग से बजट का प्रावधान नहीं के बराबर होता है। हमें कलाकारों को संकटकालीन समय पर आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए स्वयं आपदा राहत कोष को मजबूत करना होगा। बीमार लाचार कलाकारों के लिए सरकार के पास कोई बजट नहीं होता। जिस पर विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपना-अपना विचार रखा।
एआईटीसी की स्मारिका ‘दर्पण’ का विमोचन

अधिवेशन में ऑल इंडिया थियेटर काउंसिल की स्मारिका ‘दर्पण’ का विमोचन किया गया। विमोचन एआईटीसी के पदाधिकारीगण ने संयुक्त रूप से किया। स्मारिका के प्रधान संपादक सतीश कुंदन, संपादक सुनील मंथन शर्मा, संपादकमंडल में मो. निजाम, सुनील दत्त विश्वकर्मा, रजित सिंग कंवर हैं।

स्मारिका विमोचन के बाद एआईटीसी के संरक्षक राजेंद्र सिंह बगेड़िया, कला संगम के संरक्षक सतविंदर सिंह सलूजा, कलाप्रेमी गिरिडीह सीओ मो. असलम को स्मारिका भेंट की गई। सभी ने स्मारिका की प्रशंसा की।

राष्ट्रीय संरक्षक राजेंद्र बगेड़िया को अतुलनीय सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित
अधिवेशन के प्रथम सत्र का संचालन मो निजाम, राजगोपाल पाढी, जॉय मुखर्जी, तनवीर ईमाम, रजित सिंह कंवर ने किया। दूसरे सत्र में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सुनील दत्त विश्वकर्मा ने आय व्यय का ब्योरा रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजगोपाल पाढी ने राष्ट्रीय संरक्षक राजेन्द्र बगडिया के अतुलनीय सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया तथा राष्ट्रीय संरक्षक अवधेश सिंह का आभार व्यक्त किया।
अधिवेशन में त्रिपुरा, बंगाल, उडिसा के कलाकारों ने शास्त्रीय नृत्य, लोकनृत्य प्रस्तुत किया। चार नाटकों का मंचन किया गया। अधिवेशन में 17 राज्यों से लगभग 150 रंगकर्मियों ने भाग लिया। धन्यवाद ज्ञापन अनिमेष दव राय ने किया।