वेलेंटाइन स्पेशल : एक मउनी पेयाज के फूल

मनोज कुमार

वेलेंटाइन डे स्पेशल
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*व्यंग्य*

हमर पियारी मिठकी,
*बेलन टाइम डे* के सौगंध, ई लभ लेटरवा हम कका के मचवा पर चइढ़ कर लिख रहल हियव गे। हिंया मोबैलवा में टवरवे ठीक से नाय पकड़व। हमनी दुनु के मोहब्बत के दुश्मन खाली हमर आर तोर बप्पा ही नाय हव।
*बेसेनल और हेयरटेल* कंपनी वलैन भी हव। मचवा पर से भी जब तोरा फोनवा नाय लागव ने तो अइसन बुझा हे कि येह मचवा पर से कुइद के जिया हायत …। तोर से बात करे खातिर मुर्गी बेच के अनलिमिटेड कॉल वाला पैक डलवैलियौ है, लेकिन इ सौतेली नेटवर्क के नखरा देख के लागो हव कि पैहलकी के *जेवर जेठिया* बेच के छतवा पर एगो टवरवे लगवा लियव, आर राइत भर तोर से बतियैते रहियव….😊

फनवरी महीना में जैसे जैसे 14 तारीख नजिकाल जा है वैसे वैसे मना अकबकाल जा है । गुलाबफूल के गुलदस्ता तो हियां नाय मिलव मगर घर बरिया में पेयाज बहुते फुलाल है।
चौदह फनवरी के लोहखरे दुनिया से नजर बचा के तोंय चिपरिया थापो हीं वहां एक मउनी पेयाज के फूल लेके अयबव। 2021 बेलन टाइम डे पर तोहर जुड़ा पेयाज फूल के हवाले..। तों घबरहियों एकदम नाय जल्दी तोर बप्पा से तोर हाथ मांगेल आ रहल हियव। ताल तक उ *जालिम लोशन के चुनौटा* से बइच के.. ।

मिठकी के आशिक

गोइठना

लेखक एलआईसी गिरिडीह में डेवलपमेंट ऑफिसर हैं।

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