नेतरहाट विद्यालय के विद्यार्थियों को एक अभिभावक की सलाह

मनोज कुमार

प्रिय छात्रगण,

आशा करता हूँ कि COVID-19 वैश्विक महामारी से आप सुरक्षित और स्वस्थ रह कर अपने घर में अध्ययन कर रहे होंगे। आपकी बहुमुखी प्रतिभा के लए विद्यालय में प्राचीन आश्रम संस्कृति के अनुसार शिक्षा अध्ययन, कृषि, कला, खेल-कूद, एनसीसी, संगीत और कम्प्यूटर आदि के साथ स्वाध्याय भी सिखाया जाता है ।

इन विशेषताओं के कारण देश के दूसरे विद्यालयों से अलग है यह विद्यालय । चूंकि अन्य देशों में आश्रम संस्कृति का अभाव है, इसलिए पूरे विश्व में विद्यालय को अलौकिक माना जाता है। विद्यालय बोर्ड की परीक्षाओं में शीर्ष सफलता का गौरवशाली कीर्तिमान स्थापित किया है। कीर्तिमानों की इस परंपरा आगे बढ़ाने की जिम्मेवारी अब आपके कंधों पर है। लेकिन,  चुनौतियाँ इस वर्ष बदल गई हैं। विद्यालय को राज्य बोर्ड से हटा कर पहली बार सीबीएसई बोर्ड में शामिल किया गया है। अब मुकाबला राष्ट्रीय स्तर का हो गया है।

लॉक डाउन के कारण कक्षाएं स्थगित हैं। 14 जून तक छुट्टी दे दी गई है। इस आपातकाल को आप अवसर में बदलने का प्रयत्न करें। क्योंकि, विद्यालय के सीबीएसई प्रथम बैच का छात्र होने का ताज आपको पहनाया जाएगा। इसलिए आपका प्रदर्शन उत्कृष्ट होना चाहिए। पिछले वर्ष अपने पूर्ववर्ती भाइयों की ताजपोशी के रोमांच को याद कीजिये और तैयार हो जाइए। उत्कृष्टता का ताज पहनने का अधिकार को हासिल करने के लिए आप अभी से अपने कर्त्तव्य को पूरा करने में तन्मयता से जुट जाइए।

आपसे आग्रह है कि आप रणनीति बनाकर नियमित स्वाध्याय करते रहें। समय का पहिया अपने रफ्तार पर है। और, आपके पास समय सीमित है। एक-एक पल का सदुपयोग करें। विषयवार व्हाट्सएप्प समूह बनाया गया है। विद्यालय से कुछ ऑनलाइन कक्षाएं संचालित हो रही हैं। कुछ विषयों के ऑडियो क्लिप्स भेजे जा रहे हैं। प्रश्नोत्तर साझा किये जा रहे हैं। आप इसका लाभ उठाएं। अनसुलझे सवालों को आप साझा करें। विद्यालय के माननीय प्राचार्य जी की गरिमामय उपस्थिति सभी समूहों में है। वे स्वयं आपकी भागीदारी का मूल्यांकन कर रहे हैं। इस आपदा काल में आपके भविष्य संवारने हेतु प्राचार्य जी, श्रीमानजी, माताजी सहित पूरा विद्यालय परिवार नेतरहाट पठार पर रह कर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। वे आपके पिता हैं, आपके माता हैं, आपके भाग्यविधाता हैं। आप उनका सविनय अनुशरण करें। उनके संपर्क में रहें।

ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता किस विषय में है और किस विषय को कितना पढ़ना है, इन बातों का ख्याल रखते हुए स्वाध्याय करें। इस प्रकार आपका अध्ययन अच्छा होगा। जब आप अध्ययन ठीक से करेंगे तो परीक्षा का परिणाम अव्वल होने की संभावना प्रबल रहेगी। परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के जवाब लेखन की क्षमता सुदृढ़ करना होगा। विषयवार हर अध्याय का बार-बार अध्ययन करें। कई बार छात्रों को आपने यह कहते सुना होगा कि उत्तर तो उनको आता था, परंतु परीक्षा में समय नहीं बचा। ऐसा तब होता है जब आप प्रश्नोत्तर केवल याद कर लेते हैं, उसे लिखते नहीं हैं। तब आपको यह पता नहीं चल पाता कि प्रश्न का उत्तर आप कितने समय में ठीक से लिख सकेंगे।

परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर की जानकारी रखने के लिए आपको अंक नहीं दिए जाते बल्कि प्रश्नों के सटीक उत्तर लिखने के अंक दिए जाते हैं। अच्छी विश्लेषण क्षमता और टाइम मैनेजमेंट में दक्ष छात्र अव्वल आते हैं। पूर्ववर्ती छात्रों के परिणाम आपने देखा होगा। बोर्ड के प्रथम, द्वितीय या तृतीय टॉपर के अंकों में अंतर एक अंक का रहता है। इसका मतलब यह नहीं है कि द्वितीय रैंक लाने वाला छात्र, केवल एक अंक अधिक पाकर प्रथम रैंक लाने वाला छात्र से बहुत कमजोर होगा।

सीबीएसई 2019 की दसवीं बोर्ड परीक्षा में 500 अंको में 499 अंक लाकर प्रथम टॉपर छात्र की संख्या 13 है। इसी प्रकार 500 अंकों में 498 अंक लाकर द्वितीय टॉपर छात्र 25 हैं, और 497 अंक लाने वाले तृतीय टॉपर छात्र 59 हैं। सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में टॉप टेन रैंक के छात्रों की संख्या सैकड़ों में रहती है। आपको इसका दूसरा पहलू भी समझना चाहिए। 5 विषय में से 4, 3 और 2 विषय में शत प्रतिशत अंक लाने वाले छात्रों की संख्या क्रमशः 13, 25 और 59 है। इसके लिए आपको सभी विषयों पर गुणवत्तापूर्ण पकड़ रखनी होगी। सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2019 में कुल 17,61,078 छात्रों में 91.10% छात्र अर्थात 16,04,428 छात्र उत्तीर्ण हुए। इनमें से 90% से अधिक अंक लाने वाले छत्रों की संख्या 2,25,143 है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालय का सर्वाधिक 99.47% और जवाहर नवोदय विद्यालय का 98.57% रिजल्ट निजी विद्यालयों के ताम झाम पर हथौड़ा दे मारा है। 2019 में नेतरहाट विद्यालय का न केवल उत्तीर्णता का प्रतिशत शत प्रतिशत है बल्कि 90% से अधिक अंक लाने वाले छात्र का भी प्रतिशत सीबीएसई बोर्ड से अधिक है। अतः आप सरकारी विद्यालय के छात्र होने की अपनी अभिप्रमाणित शक्ति को पहचानें और आज से ही प्रतिस्पर्धा की दौड़ में शामिल हो जाएं क्योंकि आपका ताज आपका बाट जोह रहा है। परीक्षा में वैकल्पिक प्रश्न भी आते हैं। आपको इन वैकल्पिक प्रश्नों को हल करने में निपुण होना होगा साथ ही दीर्घ उत्तर देने के लिए लेखन कला को और धारदार बनाना होगा।

कुछ छात्र ऐसा सोचते हैं कि बहुत ज्यादा देर तक या जाग जाग कर स्वाध्याय करने से अच्छा होगा। ऐसा नहीं करें। कई शोध में यह सामने आया है कि लंबे समय तक मुकम्मल नींद नहीं ली जाए, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव मष्तिष्क और शरीर पर पड़ता है। अच्छी पढ़ाई के लिए अच्छे दिमाग का होना जरूरी है और अच्छे दिमाग के लिए अच्छा स्वास्थ्य का होना निहयात ही जरूरी है। कम से कम 6 से 7 घंटा सोना जरूरी है। प्रातः कालीन अध्ययन अधिक समय तक हमारे मानस पटल पर बना रहता है। इसलिए कठिन विषय को अहले सुबह पढ़ने की सलाह दी जाती है। जागरण से लेकर दीपशान्ति तक नियमित दिनचर्या बना कर स्वाध्याय करें। टीवी, मोबाईल और इंटरनेट के दुर्गुणों से खुद को बचाते हुए स्वाध्याय करें। अपने सेहत का ख्याल रखें। सफलता आपके कदमों में नतमस्तक होगी। आपका नाम देश के उन महान नागरिकों में लिया जाएगा जिनका सम्मान सारा जग करता है। नेतरहाट आवासीय विद्यालय का अंतिम लक्ष्य भी तो यही है। समस्त विद्यालय परिवार को नमन। आपके सर्वोच्च सफलता की मंगल कामनाएं।
अत्तदीप विहरथ।

मनोज कुमार
(एक अभिभावक)
पर्यावरण विज्ञान से एम.एससी.
(DEET Qualifier 2016)
भारतीय जीवन बीमा निगम में विकास अधिकारी।
भारतीय जीवन बीमा कल्याण संघ (WALIC), हजारीबाग मंडल के महासचिव।

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