साहित्य
आसान शब्दों में समझा जाए तो : साहित्य समाज का एक आईना है जिसमे हम समाज को देखते है अर्थात यह मानवीय जीवन का चित्र होता है जिसमे समाज मे घटित वास्तविक घटनाओ का वर्णन होता है.
किसी भाषा के वाचिक और लिखित (शास्त्रसमूह) को साहित्य कह सकते हैं। दुनिया में सबसे पुराना वाचिक साहित्य हमें आदिवासी भाषाओं में मिलता है। इस दृष्टि से आदिवासी साहित्य सभी साहित्य का मूल स्रोत है। साहित्य – स+हित+य के योग से बना है.
भारतीय साहित्य
भारतीय वाङ्मय को काल की दृष्टि से निम्नलिखित भागों में विभक्त किया गया है –
साहित्य | वसंतसंपात् | काल अवधि | काल |
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ऋग्वेद | मृगशिरा | ६०००-४००० BC | प्राचीन |
शतपथ ब्राह्मण | रोहिणी | २५०० BC | प्राचीन |
अथर्ववेद तैत्तरीयसंहिता बौधायन श्रौतसूत्र | कृत्तिका | १३३०-८०० BC | प्राचीन |
वेदांग ज्योतिष वाराहमिहिर | भरिणी | १२०० BC | प्राचीन |
महाभारत | अश्विनी | ५४० BC | प्राचीन |
वैशेषिक दर्शन | ? | ६०० BC | मध्य |
बुद्धावतार | ? | ५०० BC | मध्य |
कौटिल्य अर्थशास्त्र | ? | ३०० BC | मध्य |
आर्यभट | ? | ४९९ AD | मध्य |
भास्कर द्वितीय | ? | १११४ AD | मध्य |
समरांगण सूत्रधार | ? | ११०० AD | मध्य |
२०वीं शताब्दी | पूर्वाभाद्रपदा | १९०० AD | अर्वाचीन |