जान दे देंगे लेकिन मोंगिया को प्लांट नहीं लगाने देंगे : ग्रामीण

पर्यावरणीय लोक सुनवाई में मोंगिया प्लांट के विस्तारीकरण का भारी विरोध

सुनील मंथन शर्मा

गिरिडीह : झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से शुक्रवार को मेसर्स मोंगिया पावर प्राइवेट लिमिटेड के लिए श्री दुर्गा माता शिशु विद्या मंदिर मोहनपुर के प्रांगण में आयोजित पर्यावरणीय लोक सुनवाई के दौरान अधिकारियों को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने एक स्वर में कह दिया, जान दे देंगे, लेकिन प्रदूषण फैलाने के लिए अब प्लांट नहीं लगाने देंगे और न ही विस्तारीकरण करने देंगे।

प्रदूषण के खिलाफ गुस्सा: मंच पर चढ़कर विरोध करता एक युवक।

लोक सुनवाई की अध्यक्षता गिरिडीह के अपर समाहर्ता विजय सिंह बिरुआ ने की। अंत में जब अपर समाहर्ता ने लोकसुनवाई सभा की समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा कि लोकसुनवाई नहीं हो सकी। आपका भी समय बर्बाद हुआ और हमलोगों का भी तो ग्रामीणों का विरोध तेज हो गया। मोहनपुर के संतोष कुमार राणा ने मंच से माइक लेकर स्पष्ट शब्दों में कहा कि डीआरआई प्लांट नहीं लगेगा तो नहीं लगेगा। लोकसुनवाई हुई है, रिजल्ट यही है कि सभी ने इसका विरोध किया है। लोकसुनवाई स्थगित नहीं हुई है और होना भी नहीं है।

विरोध : लोकसुनवाई स्थगित नहीं होगी- संतोष कुमार राणा।

लोक सुनवाई में झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के पर्यावरण अभियंता सह शाखा प्रमुख आशुतोष, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद क्षेत्रीय कार्यालय हजारीबाग के क्षेत्रीय पदाधिकारी जितेन्द्र प्रसाद सिंह, मोंगिया पावर प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन गुणवंत सिंह मोंगिया, निदेशक हरेंद्र सिंह मोंगिया मौजूद थे।

लोकसुनवाई में बाएं झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अभियंता सह शाखा प्रमुख आशुतोष, बीच में गिरिडीह अपर समाहर्ता विजय सिंह बिरुआ, दाएं झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद हजारीबाग क्षेत्रीय पदाधिकारी जितेंद्र प्रसाद सिंह। पीछे बाएं से खड़ा शुभम त्यागी, मोंगिया पावर प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन गुणवंत सिंह मोंगिया, डायरेक्टर हरेंद्र सिंह मोंगिया।

ग्रामीणों के विरोध के पहले लोकसुनवाई की कार्यवाही शांतिपूर्ण शुरू हुई। मोंगिया पावर प्राइवेट लिमिटेड के तकनीकी सलाहकार शुभम त्यागी ने बताया कि चतरो मौजा के प्लॉट नंबर 45, 47 व 56 में मोंगिया के स्पंज आयरन की उत्पादन क्षमता प्रतिवर्ष 33 हज़ार टन से दो लाख 64 हजार प्रति वर्ष करना प्रस्तावित है। एक लाख 98 हज़ार टन प्रतिवर्ष बिलेट उत्पादन के लिए इंडक्शन फर्नेश, री-हीटिंग फर्नेश, रोलिंग मिल और 25 मेगावाट का कैप्टिव पावर प्लांट लगाना प्रस्तावित है। परियोजना में पर्यावरण सुरक्षा के लिए ई.एस.पी., बैक फिल्टर लगाए जाएंगे। पेड़ लगाए जाएंगे, रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की जाएगी। लोकल लोगों को रोजगार मिलेगा।

प्लांट विस्तारीकरण के बारे में बताते चेयरमैन गुणवंत सिंह मोंगिया।

मोंगिया के चेयरमैन गुणवंत सिंह मोंगिया ने कहा कि उद्योग लगाने पर जो लोगों को परेशानी होती है, उसे दूर किया जाएगा। प्रदूषण से लोगों को परेशानी न हो, इसका प्रयास किया जाएगा। हमने खिलाड़ियों को अवसर देने के लिए वॉलीबॉल अकेडमी खोला है। पर्यावरण के लिए पेड़ लगाने के लिए सजग हैं। बिरहोर बच्चों को पढ़ाने के लिए बिरहोर छात्रावास बनाया है। कोविड महामारी के समय हमने अस्पताल में बेड लगवाए। दवाइयां बांटी। ऑक्सीजन दिया। हमारी फैक्टरी से प्रदूषण नहीं निकलता है।

एक स्वर में फैक्ट्री लगाने का विरोध करते ग्रामीण।

इतना कहते ही ग्रामवासियों ने इसका जमकर विरोध किया। एक स्वर में सभी ने कहा कि हम प्रदूषण से मर रहे हैं। बच्चे अपाहिज पैदा हो रहे हैं। पर्यावरण की स्थिति बहुत ही खराब है। गौतम राणा ने बोतल में गन्दा पानी का प्रदर्शन कर दिखाया और कहा कि हमलोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। विक्की राणा, संतोष कुमार राणा, मंतोष राणा, कृष्णा राणा, कैलाश राणा, शुभांकर गुप्ता, कौशल्या देवी, संजय राणा, उमेश राणा, कन्हाई पांडेय सहित दर्जनों लोगों ने एक स्वर में कहा कि जान दे देंगे लेकिन प्रदूषण फैलाने के लिए प्लांट नहीं लगाने देंगे। आनंद राणा ने कहा कि फैक्ट्री नियमों के तहत नहीं चलाई जाती है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए अधिकारी हैं आज पता चला। आपलोग आते क्यों नहीं।

जमीन उपजाऊ नहीं है। पानी का दोहन हो रहा है। विरोध करते रामेश्वर शर्मा।

रामेश्वर शर्मा ने कहा कि प्रदूषण की वजह से उपजाऊ जमीन खराब हो गयी है। फसल की उपज नहीं हो रही है। हम भूखे मर रहे हैं। चार साल पहले सदर विधायक सुदिव्य कुमार ने प्रदूषण को देखते हुए प्रदूषण मापक यंत्र लगाने का आश्वासन दिया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। फैक्टरी वाले 1000 फिट की बोरिंग कराकर पानी निकाल रहे हैं। हमलोगों के चापानल से पानी नहीं निकलता है। बहन- बेटियों को पानी दूर-दूर से लाना पड़ता है। बालमुकुंद प्लांट दूसरी जगह से पानी लाता है। प्रदूषण नियंत्रण के अधिकारी यहां का प्रदूषण को नियंत्रित करें नहीं तो जान दे देंगे।

प्रदूषण के अधिकारी, इतने दिन कहां थे आप : आनंद राणा

भारी विरोध को देखते हुए क्षेत्रीय पदाधिकारी जितेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि आपकी भावनाओं से, आपकी बातों से हमलोग सरकार को अवगत कराएंगे।

कायदे-कानून से नहीं चलती है फैक्टरियां : उमेश

लोकसुनवाई की समाप्ति की घोषणा करते हुए अपर समाहर्ता ने जैसे ही कहा कि आज सुनवाई नहीं हो सकी, इसे स्थगित की जाती है, तो सभी ने फिर विरोध करना शुरू कर दिया। महिलाओं एवं पुरुषों सभी ने एक स्वर में कहा कि प्रदूषण फैलाने के लिए प्लांट नहीं लगाने देंगे।

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