लॉकडाउन हटा तो साल के अंत तक आधी आबादी हो सकती है कोरोना संक्रमित

नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था, इसके बाद इस महामारी को रोकने के लिए भारत सरकार ने कई कदम उठाए हैं। भारत सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को टेस्ट करने की अपनी क्षमता को बढ़ाया और महामारी रोकने के लिए लोगों की भीड़-भाड़ को रोकने के लिए एक अरब से ज्यादा लोगों को अपने घरों में रोक दिया। सड़क, रेल और हवाई मार्ग से यातायात सेवाएं निलंबित कर दी, लेकिन अब धीरे-धीरे सारी चीजें दोबारा पटरी पर लौट रही है, अगर कुछ ठीक नहीं हो रहा तो कोरोना वायरस का प्रभाव। बीते 24 मार्च को पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की। 25 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई को खत्म हो जाएगा। पिछली बार मिली रियायतों के मद्देनजर संभावना जताई जा रही है कि 31 मई के बाद शायद लॉकडाउन में पूरी तरह छूट दे दी जाए। अगर ऐसा होता है तो कोविड-19 के मामलों में बेतहाशा वृद्धि होगी और साल के अंत तक देश की आधी आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाएगी, ऐसा कहना है वरिष्ठ विषाणु वैज्ञानिक डॉक्टर वी. रवि का। सिर्फ लॉकडाउन की वजह से कम थी संक्रमण दर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस में न्यूरोवायरोलॉजी के प्रमुख डॉक्टर वी रवि की माने तो देश में संक्रमण की रफ्तार सिर्फ लॉकडाउन की वजह से ही धीमी थी, लेकिन आने वाले दिन बदतर हो सकते हैं। रवि यह कहने से भी नहीं चूके कि अब हमें कोरोना वायरस के साथ जीना सीखना होगा। वह कहते हैं, गैर-कोविड-19 संबंधित कारणों से अधिक लोगों की मृत्यु हो सकती है। उन्होंने कहा कि H1N1 की मृत्यु दर 6% से अधिक थी, लेकिन लॉकडाउन की आवश्यकता नहीं पड़ी, क्योंकि कुछ साल पहले इस तरह की दहशत पैदा करने के लिए सोशल मीडिया नहीं था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *