जानिए कौन हैं राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा?

Indian Mind Desk : भारत के 15वें राट्रपति का चुनाव होना है। मतदान 18 जुलाई को निर्धारित है, जबकि मतगणना 21 जुलाई को होगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। भाजपा ने ओडिशा की रहनेवाली और झारखंड की रह चुकी पहली महिला राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है। दूसरी ओर विपक्ष ने चंद्रशेखर और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। विपक्ष में 19 पार्टियां शामिल हैं।

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जानिए कौन हैं यशवंत सिन्हा

झारखंड राज्य के हजारीबाग से सांसद रह चुके और बिहार के नालंदा जिले के रहनेवाले यशवंत सिन्हा का जन्म 6 नवंबर 1937 को पटना के एक कायस्थ परिवार में हुआ था।
राजनीति शास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में 1960 तक बतौर शिक्षक काम किया। पढ़ने-पढ़ाने का दौर चल रहा था कि उन्हें प्रशासनिक सेवा में जाने का मन हुआ और उन्होंने आईएएस की तैयारी शुरू कर दी। तैयारी के साथ वह पटना विश्वविद्यालय में बतौर प्रोफेसर काम भी करते रहे। 1960 में उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए हुआ। प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर 24 साल तक काम किया। वह कई अहम पदों पर काबिज रहे। बिहार सरकार के वित्त मंत्रालय में दो साल तक सचिव और उप-सचिव के पद पर काम किया। इसके बाद उनकी नियुक्ति भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में उप-सचिव के पद पर हो गई। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारतीय दूतावास में अहम जिम्मेदारी भी संभाली। वह साल 1971 से 1974 तक जर्मनी में भारतीय दूतावास के पहले सचिव नियुक्त किए गए थे।

1986 में आ गए राजनीति में : 24 साल तक नौकरी करने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। 1986 में श्री सिन्हा राजनीति में आ गए और जनता पार्टी ज्वाइन कर लिया। उन्हें पार्टी ने महासचिव पद पर सुशोभित किया। वह 1988 में पहली बार राज्यसभा सदस्य चुने गए। 1989 में उनकी पार्टी का जनता दल से गठबंधन हो गया और उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया। वह 1990-91 में चंद्रशेखर सरकार में वित्त मंत्री के पद पर भी रहे। फिर वह 1998 से साल 2002 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रहे। उन्होंने 2002 में विदेश मंत्रालय का पद भी संभाला। 2009 में उन्होंने भाजपा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। साल 2018 में बीजेपी छोड़ने के बाद 2021 में वह ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी में शामिल हो गए। अब टीएमसी के साथ अन्य विपक्षी पार्टियों ने उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है।

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