लॉकडाउन के बाद भी ऑनलाइन है ज़िन्दगी

— साहित्योदय साहित्य संग्राम के सातवें महासंग्राम में देश-विदेश के रचनाकार, चिकित्सक और मनोवैज्ञानिकों की शानदार प्रस्तुति

— रचनाकारों को मिला संजीवनी, समीक्षक, साथी और सारथी सम्मान

इंडियन माइंड डेस्क : अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला संगम- साहित्योदय द्वारा संचालित साप्ताहिक परिचर्चा सह अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन साहित्योदय साहित्य संग्राम का सातवां एपिसोड 6 जुलाई को शानदार सम्पन्न हुआ। उदघाटन देश के सुप्रसिद्ध ओज कवि बेबाक़ जौनपुरी ने किया। उन्होंने कई शानदार गीत और दोहे सुनाए। अपने गीत के जरिये उन्होंने कोरोना से बचने का उपाय भी बताया। 2 घण्टे के महासंग्राम में राष्ट्रीय कवि अजय अंजाम ने लॉकडाउन जिंदगी पर हास्य और व्यंग्य का जबरदस्त तड़का लगाया। दिल्ली से डॉ अरुण पांडेय ने प्रेम और वीर रस की कविताएं सुनाई।

दिल्ली की कवयित्री नीतू तिवारी ने प्रेम और श्रृंगार की वर्षा की तो हिमाचल प्रदेश की मीरा चन्देल ने लोकडाउन ज़िन्दगी को अनलॉक करने आयी हूँ कविता सुनाई। हैदराबाद से सुदेष्णा सामान्त ने लॉकडाउन में प्रकृति के बदले नए रूप का दर्शन कराया तो जयपुर की अर्चना झा ने ऑनलाईन जिंदगी की मुश्किल और कोरोना से बचाव हेतु शिव आराधना प्रस्तुत की।

दुबई से डॉ मोनिका कौशल ने ऑनलाइन क्लास से बच्चों के मानसिक दबाव की समस्या पर चर्चा करते हुए समाधान भी बताया तो वहीं मुम्बई की मनोवैज्ञानिक डॉ कुमकुम वेदसेन ने लॉकडाउन और ऑनलाइन में मानसिक तनाव को दूर करने का उपाय बताया।

साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष कवि पंकज प्रियम ने शानदार सन्चालन करते हुए मौजूदा परिस्थितियों पर ग़ज़ल और कविताये पढ़ी।

कार्यक्रम के अंत में सभी रचनाकारों को साहित्योदय संजीवनी सम्मान दिया गया। इसके साथ ही 17 लोगों को साहित्योदय समीक्षक सम्मान, 4 को साहित्योदय साथी और सारथी सम्मान, 6 को साहित्योदय मार्गदर्शक सम्मान दिया गया।
पंकज प्रियम ने बताया कि साहित्य की सेवा में पिछले कई वर्षों से लगे साहित्योदय ने इस कोरोना काल को साहित्य सृजनकाल में बदल दिया है। लॉकडाउन पीरियड की निराशा और तनाव को दूर करने के लिए गक्त 22 मार्च से ही कोरोना से जंग साहित्योदय के संग  अभियान चला रखा है जिसमे अबतक 1200 से अधिक ऑनलाइन काव्य पाठ हो चुका है। एकल काव्य पाठ के भो 200 एपिसोड पूर्ण होने को हैं। विश्व के सबसे अनूठे लाइव शो साहित्य संग्राम को पूरी दुनिया का असीम प्यार और समर्थन मिल रहा है। इसमें हरबार एक ज्वलन्त सामाजिक विषयों पर चर्चा और कवि सम्मेलन किया जाता है। साहित्योदय पेज को 50 से अधिक देशों के लाखों दर्शक देख रहे हैं। साहित्योदय सावन महोत्सव समेत आगामी कई अन्य रोचक कार्यक्रम प्रारम्भ हो रहे हैं। साहित्य संग्राम को सफल बनाने में वरिष्ठ पत्रकार राकेश तिवारी, संजय करुणेश, जयप्रकाश राज, सुदेष्णा सामन्त और किशोरी का महत्वपूर्ण योगदान है।

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